//कैबिनेट में 2% प्रतिशत डीए डीआर देने का निर्णय कर मोदी की गारंटी को पूरा करे सरकार – – – वीरेन्द्र नामदेव //

/म प्र और भाजपा शासित अन्य राज्यों का अनुकरण करे छत्तीसगढ़ सरकार//
//भारतीय प्रशासकीय सेवा के अधिकारियों और बिजली विभाग पर धारा 49 का प्रभाव नहीं होना आश्चर्यजनक//
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश ने छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार से आग्रह किया है कि बुधवार 18 जून 25 को होनेवाली कैबिनेट बैठक में राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केन्द्र के समान जनवरी 25 से बकाया 2% प्रतिशत डीए डीआर अगला पिछला सभी एरियर सहित देने पर निर्णय लेकर विधान सभा चुनाव के संकल्प पत्र में “मोदी के गारंटी” के तहत किए गए वायदा को मध्यप्रदेश सहित अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति पूरा करने की मांग की है। भारतीय प्रशानिक सेवा के अधिकारियों और बिजली विभाग में धारा 49 का प्रभाव नहीं होना को आश्चर्यजनक निरूपित किया है।
जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष तथा शासन द्वारा मान्यता प्राप्त राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष और छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के पूर्व प्रांतीय प्रवक्ता वीरेन्द्र नामदेव ने आगे बताया है कि भूपेश बघेल सरकार ने डीए डीआर के मामले में पूरे पांच साल तक कर्मचारियों और पेंशनरों को खूब तरसाया और बहुत विलंब से डीए डीआर दिया और पूरा पूरा एरियर राशि हजम कर गए ।उनके सत्ता से बेदखल होने में डीए डीआर का बहुत बड़ा योगदान है, परंतु सरकार बदलने के बाद भी आज विष्णुदेव सरकार में भी डीए डीआर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। काग्रेस सरकार की परम्परा भाजपा सरकार में यथावत कायम है और मोदी की गारंटी में समय पर केंद्र के बराबर डीए डीआर देने के वायदे के बाद आज भी राज्य के कर्मचारी और पेंशनर डीए डीआर के लिए पूर्ववत तरस रहे हैं। जबकि भाजपा की ही मध्यप्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को पिछले दो किस्त से एरियर के साथ डीए (महंगाई भत्ता) देने का सराहनीय काम किया है, परंतु पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को डीआर(महंगाईराहत) का एरियर देने में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सहमति नहीं देने के कारण बजट में 75: 26 में राशि आबंटन हेतु मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) की बाध्यता के कारण मध्यप्रदेश के पेंशनरों को राज्य सरकार के इच्छा के बावजूद एरियर से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के खजाने छत्तीसगढ़ राज्य में ब्यूरोक्रेट द्वारा स्वयं केन्द्र के देय तिथि से डीए डीआर का भुगतान प्राप्त करने और कर्मचारियों – पेंशनरों का भुगतान रोड़ा बनने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया है राज्य सरकार के उपक्रम बिजली विभाग में भी वहां के अधिकारियों कर्मचारियों और पेंशनरों को को केंद्र के अनुरूप धारा 49 की बाध्यता बिना केंद्र के समान 55% प्रतिशत डीए डीआर का भुगतान केन्द्र के देय तिथि से एरियर सहित कर रहे हैं।
जारी विज्ञप्ति अनुसार भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा, प्रदेश महामंत्री अनिल गोल्हानी, कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, सेवानिवृत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक अनिल पाठक, संभागीय अध्यक्ष क्रमशः बी के वर्मा दुर्ग,आर एन टाटी जगदलपुर, प्रवीण त्रिवेदी, राजेन्द्र कश्यप बिलासपुर, गुरुचरण सिंह सरगुजा तथा जिला अध्यक्ष क्रमशः आर जी बोहरे रायपुर,खोड़सराम कश्यप बलौदाबाजार,लखनलाल साहू गरियाबंद, रिखीराम साहू महासमुंद,आई सी श्रीवास्तव राजनांदगांव,राकेश जैन बिलासपुर,परमेश्वर स्वर्णकार जांजगीर,रमेश नंदे जशपुर,अभय शंकर गौराहा रायगढ़,देवनारायण साहू सारंगढ़,एम एल यादव कोरबा ओ पी भट्ट कांकेर,आर डी झाड़ी बीजापुर ,एस के देहारी नारायणपुर,एस के धातोड़े कोंडागांव,पी एन उड़कुड़े दंतेवाड़ा,कासिमुद्दीन सुकमा , प्रेमचंद गुप्ता कोरिया,माणिक चंद्र अंबिकापुर,महावीर राम बैकुंठपुर,संतोष ठाकुर सूरजपुर, आर ए शर्मा गौरेला पेंड्रा, भैया लाल परिहार मुंगेली , यवन कुमार डिंडोरे बेमेतरा , डी के पाठक धमतरी, पुरषोत्तम उपाध्याय सक्ती ,गोपाल यादव मोहला, सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ आदि ने सरकार से कर्मचारियों को मध्यप्रदेश सहित भाजपा शासित अन्य राज्यों का अनुकरण करते हुए कर्मचारियों , पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को डीए डीआर देने का निर्णय लेने का अनुरोध किया है।