गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025 के सहयोगियों का श्रम परिहार व सम्मान समारोह सम्पन्न

रायपुर–/ गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025 की ऐतिहासिक सफलता में सहयोग देने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं के सम्मान हेतु श्रम परिहार कार्यक्रम का आयोजन चांपा स्थित कुष्ठ आश्रम परिसर में किया गया। इस भावपूर्ण समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन, वरिष्ठ प्रचारक सुधीर देव, लक्ष्मीनारायण सोनी अध्यक्ष कुष्ठ आश्रम एवं प्रचारक श्री लोमसराम साहू की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ यात्रा प्रमुख रामप्रकाश केशरवानी एवं सहसंयोजक घनश्याम तिवारी द्वारा किया गया। दोनों आयोजकों ने मंच से यात्रा की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि छः दिवसीय इस यात्रा में सैकड़ों गौभक्तों का समर्पण, अनुशासन और जागरूकता अद्वितीय रहा। श्री तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जिन साथियों ने तन-मन-धन से सेवा की, उनका यह योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। इसके अतिरिक्त सभी ने यात्रा के बारे में अपना अपना विचार रखे।
इस अवसर पर सम्मान पाने वाले प्रमुख सहयोगियों में रामकुमार श्रीवास, गजाधर श्रीवास, अजय सराफ, थैलेश तिवारी, बुद्धेश्वर केशरवानी, शिव जायसवाल, नरोत्तम पटेल, मुरारी राठौर, रघुनंदन पटेल, शेखर चंद्रा, सुनील अवस्थी, लोकेश शुक्ला, देवकुमार तिवारी, राहुल थवाईत, योगेश शर्मा, गगन जयपुरिया, सोनू जायसवाल, महादेव नेताम, राजकुमार पटेल, नरेंद्र जायसवाल, ललित देवांगन, आशीष तिवारी एवं सरोज जी शामिल रहे।
समारोह में कुल 23 सहयोगियों को तिलक लगाकर, अंगवस्त्र और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। इन सम्मानित कार्यकर्ताओं में शिवरीनारायण, करनौद, बम्हनीडीह, लखुर्री, चांपा, पिपरदा, अफरीद, सोठी, केरा, घिवरा, सोनडीह, जांजगीर और मोहतरा सहित कई ग्रामों के गौसेवक शामिल रहे। इन सभी ने यात्रा के संचालन, प्रचार-प्रसार, रात्रि विश्राम, भोजन व्यवस्था और गौआराधना में सक्रिय योगदान दिया था।
लोमसराम साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि गौग्राम जनजागरण यात्रा न केवल ग्रामीण चेतना को पुनर्जीवित करने का कार्य है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा को स्पर्श करने का प्रयास भी है। उन्होंने यात्रा के सभी कार्यकर्ताओं को संघ की ओर से साधुवाद देते हुए कहा कि यह अभियान पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा।
इसके पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों और सहयोगियों को कुष्ठ आश्रम स्थित गौशाला का भ्रमण कराया गया। यहां गौमाता की सेवा, गोबर से निर्मित उत्पाद, जैविक खेती व पंचगव्य से संबंधित प्रयासों को देखकर सभी प्रेरित हुए। यह भ्रमण आत्मनिर्भर गौग्राम की परिकल्पना को धरातल पर देखने जैसा अनुभव रहा।
कार्यक्रम के अंत में घनश्याम तिवारी ने समस्त उपस्थितजन, अतिथि और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल श्रम परिहार नहीं बल्कि एक गौसंस्कृति अभियान की भावनात्मक पूर्णाहुति है। इस अवसर पर ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक के अनेक गणमान्य नागरिक एवं ग्रामीण जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह पूर्ण श्रद्धा, गरिमा एवं उत्साह के साथ संपन्न हुआ।