छत्तीसगढ़ सराकर का बड़ा ऐक्शन, 22 अबकारी अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में बड़ा ऐक्शन लिया है। राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 वाणिज्य कर आबकारी अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, जिसका आदेश आबकारी विभाग ने जारी किया है। सोमवार 7 जुलाई को 29 आबकारी अफसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने विशेष कोर्ट में करीब 2300 पन्नों का चालान पेश किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसी आबकारी मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अभी रायपुर के केंद्रीय जेल में बंद हैं। लखमा पर प्रतिमाह 2 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और मुख्यमंत्री सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी और अवैध दलाली का बड़ा नेटवर्क चल रहा है। इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के अवैध वसूली में शामिल होने का आरोप था।
याचिका के आधार पर ईडी ने 18 नवंबर 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि 2161 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है। ईडी की चार्जशीट में बताया गया है कि कैसे अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में भारी भरकम भ्रष्टाचार हुआ। 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर सीएसएमसीएल के जरिए शराब बिक्री का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को सीएसएमसीएल का एमडी नियुक्त करवाया और अधिकारियों, व्यापारियों व नेताओं के गठजोड़ से घोटाले को अंजाम दिया गया। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल 4 चार्जशीट कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं। इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसीबी-ईओडब्ल्यू फिलहाल मामले की जांच कर रही है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारी होने की संभावना है।