August 3, 2025 4:25 pm
ब्रेकिंग
सावन की पावन बेला में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया भगवान शिव का रूद्राभिषेक, प्रदेशवासियों की ... *प्रधानमंत्री की विशेष पहल से बस्तर समेत प्रदेश भर में रेल सेवाओं का बढ़ा दायरा : मुख्यमंत्री श्री स... सनातन धर्म पर जमकर बरसे NCP नेता जितेंद्र आव्हाड, शिवाजी महाराज से लेकर अंबेडकर तक का किया जिक्र क्या साफ होने लगा है यमुना का पानी, दिल्ली सरकार ने क्या बताया? ‘मोदी-योगी’ को भी फंसाने की थी साजिश…मालेगांव केस में प्रज्ञा ठाकुर ने ATS पर लगाया गंभीर आरोप किस नेता के लिए बोलीं प्रज्ञा ठाकुर- नाम लो तो दिन खराब हो जाता है, आतंक का रंग और धर्म भी बताया मालेगांव ब्लास्ट: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बताया आखिर क्यों किया गया था उन्हें टॉर्चर? TRF से लेकर FATF तक… प्रियंका चतुर्वेदी का मणिशंकर अय्यर को जवाब, पाकिस्तान के खिलाफ बने प्रतिनिधिमं... 6 बार विधायक-रबड़ी कैबिनेट में मंत्री भी रहे… कौन हैं कांग्रेस के अशोक राम, जो JDU में हो रहे शामिल मेरे नसीब में मेरी बेटी नहीं… पुरी में जलाई गई लड़की की मौत पर छलक उठा पिता का दर्द
देश

राजनीतिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए तिरंगे के उपयोग पर रोक लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को करेगा सुनवाई

उच्चतम न्यायालय 14 जुलाई को एक महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक संगठन द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के “राजनीतिक या धार्मिक उद्देश्यों” के लिए किए जा रहे उपयोग पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कदम उठाएं.

यह याचिका राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने की मांग करती है, ताकि तिरंगे का सम्मान बना रहे और उसका कोई दुरुपयोग न हो.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ की ओर से इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका

याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को उचित रिट या आदेश जारी कर यह सुनिश्चित करें कि तिरंगे का उपयोग किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक संस्था द्वारा उनके प्रचार या विचारधारा के समर्थन में न किया जाए.

याचिका में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज पर पार्टी का लोगो, धार्मिक प्रतीक या किसी प्रकार का लेख अंकित करना न केवल असंवैधानिक है बल्कि यह राष्ट्रध्वज की गरिमा के विरुद्ध भी है. इसमें राजनीतिक रैलियों, धार्मिक आयोजनों या चुनाव प्रचार के दौरान तिरंगे का इस्तेमाल रोकने की मांग भी शामिल है.

याचिका पर 14 जुलाई को होगी सुनवाई

भारतीय ध्वज संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 में तिरंगे के प्रयोग से जुड़ी स्पष्ट व्यवस्थाएं हैं, जिनका उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है. बावजूद इसके, पिछले कुछ वर्षों में कई अवसरों पर तिरंगे का राजनीतिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग देखा गया है. सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत दायर याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई होगी.

Related Articles

Back to top button