August 6, 2025 1:36 am
ब्रेकिंग
सावन का अंतिम सोमवार सुबह 4 बजे विशेष पूजा के बाद भस्म आरती कर किया जलाभिषेक दुधारू-गर्भवती गायों की एक ही रात में चोरी,गौपालक चिंतित,तस्करी की आशंका उत्तराखंड में तबाही के बाद कई जिलों में रेड अलर्ट! इन इलाकों में बाढ़ की चेतावनी पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन, 3 महीने से RML अस्पताल में थे भर्ती यहां मंदिर था, यहां दुकानें थीं… उंगली दिखाकर बताया मलबे में दबा गांव, महाप्रलय की ‘आंखों देखी’ जशपुर पुलिस ने फिर पकड़ा अवैध अंग्रेजी शराब का बड़ा जखीरा,एक ट्रक से ,51लाख रु कीमत का,734 कार्टून म... हरि जायसवाल तीसरी बार बने छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन के जशपुर जिला अध्यक्ष किसी पर लगा दाग तो कोई गया सलाखों के पीछे, वो राजनेता जो ‘बदनाम’ होने के बाद निकले पाक साफ गोंडा में चलती एंबुलेंस से सड़क पर फेंका शव, Video वायरल… पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल से संभव हुआ अंतिम दर्शन, मुंबई से गृह ग्राम हाथीबेड पहुंच...
सरगुजा संभाग

सावन का अंतिम सोमवार सुबह 4 बजे विशेष पूजा के बाद भस्म आरती कर किया जलाभिषेक

# अष्टधातु से निर्मित महाकाल मुखोटा अर्पित कर किया भव्य श्रृंगार

# सुबह से जलाभिषेक के लिए लगा श्रद्धालुओं तांता,आतिशबाजी ढोल के साथ संगीतमय महाआरती फूलो की होली में झूमे भक्त

कोतबा:- धर्मनगरी कोतबा स्थित सतीघाट शिव मंदिर में सावन के अंतिम सोमवार को भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह 4 बजे भष्मआरती के बाद से ही मंदिर परिसर में जलाभिषेक करने शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। सुबह भगवान शिव की भस्म आरती के साथ धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई, जिसके बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए जलाभिषेक हेतु खोल दिए गए।दूर दराज गाँवो 8-10 किलोमीटर पैदल कांवर लाकर भक्तो ने भोलेनाथ को रिझाने में लगे रहे दिन भर हजारों भक्तो का जनसैलाब उमड़ पड़ा था।

कोतबा नगर सहित क्षेत्र के गोलियागड़,फरसाटोली,गंझियाडीह, महुआडीह सहित आसपास के गांवों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने कतारों में में खड़े होकर जल अर्पित किया और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। पूरे दिन मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला जारी रही। सबसे अधिक महिलाओं ने कोतबा स्थित सतिघाट धाम में विराजे भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक करते हुये पूजा अर्चना कर वे अपने गांवो में स्थापित मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिये जल उठाकर 8 से 10 किलोमीटर पैदल गये दार्शनिक रूप में विकशित हो रहे सतिघाट धाम में दिनों दिन भक्तों के आवाजाही में भारी इजाफा हो रहा है।सुबह 10 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने कतारबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया। दोपहर 12:30 बजे महारुद्राभिषेक का आयोजन हुआ, जिसमें मंत्रोच्चारण और जलाभिषेक की दिव्य अनुभूति ने समूचे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। शाम 4 बजे से सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भक्ति में डूबकर हिस्सा लिया। इसके बाद शाम 6 बजे भगवान शिव का भव्य श्रृंगार कर महाआरती की गई, जिसमें भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और मंदिर परिसर “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा।

0.भव्य श्रृंगार के लिए अष्टधातु से निर्मित महाकाल मुखोटा अर्पित

धार्मिक अनुष्ठान के आयोजक बसंत गुप्ता ने बाबा के भव्य श्रृंगार के लिए अष्टधातु से निर्मित महाकाल मुखोटा अर्पित किया गया। जिसे विधिविधान से पंडित धीरज शर्मा शास्त्री द्वारा भैरवी नदी में जलमग्न कर उदय करा कर पूजन कर ढोल से स्वागत करते हुए नदी से शिवमंदिर तक लेजाकर अष्टधातु से निर्मित महाकाल मुखोटा अर्पित कर भव्य श्रृंगार कर दर्शन कराया गया जिसके बाद महाआरती फुलों की होली में ढोल के थाप में भक्त नाचते झूमते हुए अगाढ़ भक्ति प्रदर्शित किए

 

0.चारो सोमवार को ब्रह्ममुहूर्त में हो रही भष्म आरती

सतिघाट शिवधाम कोतबा में प्रत्येक सोमवार को को ब्रह्ममुहूर्त में भष्म आरती की जा रही है पंडित धीरज शर्मा ने बताया कि किवदंतियों के अनुसार पौराणिक काल में दूषण नाम के राक्षस ने उज्जैन नगरी में तबाही मचा दी थी। तब लोगों ने भगवान शिव से इस प्रकोप को दूर करने की विनती की। भगवान शिव ने दूषण का वध किया और नगरवासियों के आग्रह पर यहीं महाकाल के रूप में बस गए। मान्यता यह है कि बाबा भोलेनाथ ने दूषण के भस्म से अपना श्रृंगार किया था। इसलिए आज भी महादेव का भस्म से श्रृंगार किया जाता है। सावन सोमवार दिन की शुरुआत भस्म आरती से ही होती है।

0.धर्मनगरी कोतबा में इस सावन में प्रत्येक दिन हो रहा महारूद्राभिषेक का आयोजन

धर्मनगरी कोतबा स्थित सतिघाट शिवधाम मन्दिर में हर वर्ष की भांति इस बार श्रावण मास के पूरे दिनों में रोजाना महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है।जिसमे प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक महारुद्राभिषेक का विधिविधान से नियमित आयोजन जगत कल्याण की कामना को लेकर किया जा रहा है जिसमे समस्त नगरवासियों सहित आस पास के शिव भक्त हिस्सा ले रहे है वही सावन के पहले सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु विश्व शान्ति की कामना लेकर महारुद्राभिषेक में सम्मिलित हुए। महारुद्राभिषेक करा रहे पंडित धीरज शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में सभी प्रकार के परेशानी से मुक्ति हेतु महा रुद्राभिषेक अति फलदायक है। वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पुष्प, चंदन, रोली, चावल, दुर्बा, बेलपत्र, सुपारी, कलावा, यज्ञाेपवीत, इत्र, गुलाब जल आदि सामग्री से भगवान शंकर का महा रुद्राभिषेक करने से समस्त जनमानस को भगवान शिव की आराधना-उपासना से स्वास्थ्य लाभ होगा। संसार में जब भी संकट आया है। भगवान शंकर ने ही संसार की रक्षा की है।उन्हें मनाने व जगत कल्याण के लिए महारुद्राभिषेक किया गया है।

सतिघाट शिवधाम में बस्ती व मंदिर के मार्ग के मध्य भैरवी नदी इन दिनों काफी उफान पर बह रही है। जिसे हजारो श्रद्धालुओं को नदी पार कर के भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचते है।नदी पार करने बालू से भरी बोरियों से रास्ता बनाने श्रमदान कर वैकल्पिक मार्ग बनाते है और कार्यक्रम को धूमधाम से सम्पन्न कराते है। सतीघाट धाम में बहने वाली नदी में तेज बहाव को देखते हुए भक्तों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। नदी पार करने के लिए बालू से भरी बोरियों से अस्थायी मार्ग तैयार किया गया, जिससे श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुंच सके। इस सफल आयोजन में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवाओं और ग्रामीणों ने श्रमदान कर व्यवस्था संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आयोजन क्षेत्र की गहरी धार्मिक आस्था का प्रमाण है, जो हर वर्ष सावन में और अधिक मजबूत होती जा रही है।

0.स्वंयसेवको व श्रमदान करने वाले श्रद्धालुओं का किया सम्मान

सावन के अंतिम सोमवार को कार्यक्रम की समाप्ति के अवसर पर रोजाना मंदिर परिसर में साफ सफाई व्यवस्था के लिए श्रमदान करने वाले स्वंयसेवक राजेश साहू,तेजवती प्रधान,सुनीता प्रधान,चम्पा सिदार,चमरू सिदार सहित भजन कीर्तन हनुमान चालीसा पाठ व्यवस्था के लिए जीवन बंजारा,मनोहर गोटियां जी को आयोजक बसंत गुप्ता जी के द्वारा फटका ओढ़ा कर सम्मानित किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button