पृथ्वी के नाम वेदांता एल्युमीनियम का एक और ठोस कदम

विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर जब दुनिया पर्यावरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रही थी, तब वेदांता एल्युमीनियम ने इसे जीवंत करने का एक और उदाहरण पेश कर दिया। कंपनी ने झारसुगुड़ा स्थित अपने प्लांट से 650वीं फ्लाई ऐश रेक की सप्लाई करके सर्कुलर इकोनॉमी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम किया।
यह फ्लाई ऐश सीमेंट कंपनियों, हाईवे प्रोजेक्ट्स और ईंट निर्माण में इस्तेमाल हो रही है, यानि जो पहले वेस्ट था, वह अब देश की तरक्की का हिस्सा बन चुका है। अकेले वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 223 रेक भेजकर 113% फ्लाई ऐश यूटिलाइजेशन का रिकॉर्ड छू लिया। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से इस सप्लाई चेन को जीपीएस और ड्रोन की मदद से लगातार ट्रैक किया जा रहा है।
वेदांता एल्युमीनियम ने भारत सरकार के अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के अंतर्गत झारसुगुड़ा में ‘मातृवन’ पहल के तहत एक लाख से ज़्यादा पौधे लगाए, साथ ही सोलर एनर्जी और बायोडायवर्सिटी को बढ़ावा देने के लिए गेल और पीडब्ल्यूसी जैसे संगठनों से साझेदारी की है।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कंपनी की यूनिट्स ने स्कूल प्रोग्राम्स, पोस्टर कॉन्टेस्ट, डिबेट और बड़े स्तर पर पौधारोपण किए, जहाँ बच्चों से लेकर किसानों तक हर कोई जुड़ा।
वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ श्री राजीव कुमार ने कहा, “हमारे लिए पृथ्वी दिवस सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन का संकल्प है। चाहे फ्लाई ऐश रेक की सप्लाई हो, खदानों में हरित पहल हो या विलुप्त हो रही प्रजातियों का संरक्षण, हम पर्यावरण को बचाने और टिकाऊ विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”
2050 तक नेट ज़ीरो का लक्ष्य, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में दूसरा स्थान, और एल्युमीनियम को ‘भविष्य की धातु’ के रूप में तैयार करना, वेदांता एल्युमीनियम हर दिशा में हरियाली की रफ्तार को आगे बढ़ा रहा है।