31 मई को शिवलिंग, 5 जून को राम दरबार… राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्यों मिले दो डेट, क्या है तिथि-मुहूर्तों का खेल?

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के पहले फ्लोर पर राम दरबार समेत आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा कराई जा रही है. मंदिर प्रबंधन ने पहले इन सभी मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा एक साथ कराने का फैसला किया था. इसके लिए विद्वानों और आचार्यों के साथ काफी मंथन के बाद गंगा दशहरा की तिथि निर्धारित की गई. तय हुआ कि इसी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. लेकिन इसमें एक बड़ी अड़चन भूत भावन भगवान भोलेशंकर के शिवलिंग को लेकर आ गई. दरअसल गंगा दशहरा के दिन शिववास का कोई मुहूर्त ही नहीं था.
ऐसे में एक बार फिर विद्वानों की सभा बैठी और आम सहमति से तय किया गया कि पांच दिन पहले यानी 31 मई को ही शिववास करा दिया जाएगा. इसी फैसले के तहत 31 मई को परकोटे में विराजित शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. अब बड़ा सवाल यह कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए दो तिथि क्यों? इसके जवाब में यही कहा जा सकता है कि यह सबकुछ तिथि और मुहूर्त की वजह से है. जहां तक राम मंदिर का सवाल है तो यहां तो इन्हीं तिथि और मुहूर्तों को लेकर कई-कई दिन तक बहस चल जाती है. इस प्रसंग में चर्चा में भी इसी विषय पर करेंगे.